दुनिया आपकी
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शुक्रवार, 4 जून 2010
पहचान नहीं पाया
आवाज सुनी सुनाई लगती थी
दिल के करीब से आती थी
पर आज अपने यार की
आवाज को मै पहचान न पाया
भूल गया उसे या याद नहीं आया
आंसू बह के आज गालों पर सुख गए
उसकी आवाज में वही अपनापन था
पर आज उसकी आवाज को पहचान न पाया
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