गुरुवार, 15 मई 2008

याद आ गयी

तेरे इस रूप यौवन को देखा ही था कि
मुझे मेरी प्रेमिका याद आ गयी।
जब कभी तुमसे बातें हुई तो
उसके साथ हुई बातें याद आ गयी।
निकलता हूँ जब कभी कालेज के लिए
तेरी मुलाकात से उसकी मुलाकात याद आ जाती है।
चाहता बहुत हूँ भूल जाऊ उसे पर
भुलाने के बहने वह याद आ गयी।
कभी-कभी तो तुमको मुझसे गुस्सा होना
मुझे उसके रूठने की याद दिला जाती है।
जब तुम मुझसे बहुत दूर होती हो तो
दिल की तस्वीर में चेहरा देखा तुम्हारा और वह याद आ गयी।

1 टिप्पणी:

  1. hr ek dm gujare gm
    wafa kee rat baki hai
    suno gr tow sunayen yar tumhen
    abhi ek bat baki hai
    sunder kawita ke lie dhanyawad!

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