जब तुम नींद की आगोश में चली जाती हो
तुम्हें मीठे सपने आते होंगे।
तब मेरे दिन की शुरुआत होती है
जिसे तुम नास्ता कहती हो
वह मेरे लिए डिनर है
कितना बदल गया है सब कुछ
शायद में रात्रिचर हो गया हूँ।
सूरज का उगाना या अस्त होना
मैंने महीनों से नही देखा है।
सोचता हूँ कभी देखूं कि अब सूरज का रंग क्या हो गया है
मेरे जैसे है या मेरा साथ छोड़ दिया है।
काश कभी समय मिले.
YOU ARE DOING VERY GOOD UMESH, CARRY ON. I HOPE U WILL DO ACHIEVE THE DREAMS YOU ASPIRE FOR.
जवाब देंहटाएंKEEP WRITING. GOOD LUCK
tum nhin umesh ratrichar hue
जवाब देंहटाएंyh ratri hi ho gaee pariwartit.
very good dear..........
जवाब देंहटाएंtumse yahii ummeet thi......