मंगलवार, 12 अप्रैल 2011

तुम याद आओगे

अन्ना तुम याद आओगे। वह और वक्त था जब देश आजाद था आज भी आजाद है और कल भी रहेगा पर इस आजादी का रूप क्या होगा सवाल इस पर है आजादी पर नहीं जरा सोचो हम भी आजाद हैं। लेकिन कहाँ है वह आजादी जिसके लिए लड़े थे देश के वीर जवान भ्रष्टाचार, दुराचार, के भेंट चढ़ गयी है सारी आजादी ऐसे में अन्ना तू ही तो काम आया है.

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