शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2008

जो सभी को चाहता है।

अपनी बाँहों में भरने के लिए
उतावला खड़ा है
अपनी बाँहों को फैलाये
स्वागतम कह रह है
तुम उससे प्यार करो या न करो
पर
वह तुम्हारा सच्चा प्रेमी है
आज नही तो कल
वह तुमसे जरूर मिलेगा
पर
कोई निश्चित स्थान नही
तुमसे मिलने के लिए
तुम्हारे घर भी आ जाएगा
बिना पते का ही
रास्ते में भी मिल सकता है
फिर
प्यार से उठा कर साथ ले जाएगा
अपने घर को
और तेरा आदर-सत्कार
वह खूब करेगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें