जंगल का राजा इक दिन बोला
आज मुझे है सैर पर जाना
घर में रहना महल, में सोना ,
मुझको नही सुहाता है
मैं भी दुनिया देखूं भला
मेरी बात न जाये टाली
राजा के yaron ने इसका बिरोध किया
राजा ने सबको यह समझाय दिया
तुमको भी दुनिया देखने का
ऐसा मौका न जाय चला
हम सबको धन देकर
दुनिया का सैर कराउगा
राजा की बातों को सुनकर
कुछ ने सोचा की मेरा काम बना
इसी बहाने धन की तो
आने की है राह बना
भेज दूंगा किसी और को
तो क्या मेरा जाएगा
बदले में सैर नही पर
धन का भंडार भर जायेगा।
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