रविवार, 3 फ़रवरी 2008

दुनियादारी

जंगल का राजा इक दिन बोला


आज मुझे है सैर पर जाना


घर में रहना महल, में सोना ,


मुझको नही सुहाता है

मैं भी दुनिया देखूं भला


मेरी बात न जाये टाली


राजा के yaron ने इसका बिरोध किया


राजा ने सबको यह समझाय दिया


तुमको भी दुनिया देखने का

ऐसा मौका न जाय चला


हम सबको धन देकर


दुनिया का सैर कराउगा

राजा की बातों को सुनकर


कुछ ने सोचा की मेरा काम बना


इसी बहाने धन की तो


आने की है राह बना


भेज दूंगा किसी और को


तो क्या मेरा जाएगा


बदले में सैर नही पर


धन का भंडार भर जायेगा।

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