इस ब्लाग का उपयोग हम हमारी और आप की भवनाओ को व्यक्त करने के लिये कर रहे है.
सोमवार, 7 सितंबर 2009
सच तू बहुत ही कडुवा है। तू घरों को जोड़ने का नहीतोड़ने का काम करता है। सच जिस दिन तू सच का सामना करेगासच कहता हूंतेरा भी घर टूट जाएगा सच तू खुद आज झूठ हो गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें