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गुरुवार, 4 सितंबर 2008
ऐसे भी हैं लोग
हाय! कितने दिन बीत गये बिना भोजन किए चारों तरफ़ पानी है, पर बिना पानी के। मै छत पर खड़ा रहा कई दिनों तक इस उम्मीद में की इन्द्र थोड़ा दया कर दें एक के ऊपर एक सामान रखता गया लेकिन अब हाय! कैसे बचूं ........... ।
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