बुधवार, 3 अक्तूबर 2007

दोस्त -मेरा

यार तू ही मेरा दोस्त है
जो कहता है वह करता नही,
जो करता है वह कहता नही
ग़ुस्सा आती है पर क्या करू
मेरी भाषा यहाँ तू ही समझता है
अब तो मुझे डर सा लगता है
तेरे साथ चलने में
तू चलता नही
और चलता है
तो
वादों, बातों, और भाषण पर
यह मुझे पसन्द नही
कर्म नही करता,
बातें बड़ी- बड़ी करता है
वादा करने में तो तू
नेता का भी गुरू निकला
उन्हें सिखाना वादे करना
और इसे और इसका काम करना
बस अब मेरे यार मुझे
थोड़ा तू आराम दें
वादें मत कर मुझसे॥

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